मन मे उठता द्वन्द हमारे , किसको हाल बताऊं । कोई समझे पीर हमारी , दिल का हाल सुनाऊं । मन मे उठता द्वन्द हमारे , किसको हाल बताऊं । कोई समझे पीर हमारी , दिल का...
नहीं इसका कोई मोल है। गुरु अनमोल है। नहीं इसका कोई मोल है। गुरु अनमोल है।
स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं। स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं।
मैं हूँ ना, हैं ये तीन शब्द संजीवनी संजीवनी संजीवनी। मैं हूँ ना, हैं ये तीन शब्द संजीवनी संजीवनी संजीवनी।
खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार। खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार।
आप के पदचिन्हों पर चलकर, बढ़ते जायें पग-पग चलकर। शिशु अबोध थे हम अज्ञानी, आज बने भाभा वि... आप के पदचिन्हों पर चलकर, बढ़ते जायें पग-पग चलकर। शिशु अबोध थे हम अज्ञान...